पटना, 25 सितंबर। भोजपुरी की प्रसिद्ध गायिका कल्पना पटवारी ने भोजपुरी और हिंदी फिल्म उद्योग में कई ऐसे गाने गाए हैं, जिन्हें आज भी लोग बड़े चाव से सुनते हैं।
उनके छठी मईया और आध्यात्मिक गीत विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। हाल ही में पटना में एक कार्यक्रम में, उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता के मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की और बिहार सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की खुशी भी जाहिर की।
जब सिंगर से भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता और सुधार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सिनेमा में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छोटी लकीर को मिटाने की कोशिश करनी चाहिए, और अगर यह संभव नहीं है, तो बड़ी लकीर बनानी चाहिए। सामाजिक मुद्दों पर गाने की आवश्यकता है, चाहे वह भिखारी ठाकुर हों या विद्यामति की रचनाएँ।
बिहार सरकार से पुरस्कार मिलने पर उन्होंने कहा, "मैं बिहार सरकार का दिल से धन्यवाद करती हूँ, जिसने मुझे प्रोत्साहित किया है। यह मुझे नई ऊर्जा से भर देता है।" उन्होंने आगे कहा कि पुरस्कार न मिलने पर भी वे हमेशा प्रयास करती रहेंगी, क्योंकि जनता का प्यार और आशीर्वाद उनके लिए महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर, उन्होंने अपनी मधुर आवाज में एक गीत भी गाया और दर्शकों को आश्वासन दिया कि उन्हें छठ के कई नए गाने सुनने को मिलेंगे।
गंगा स्नान और सौर ऊर्जा के महत्व पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वे वर्षों से बिहार के गौरवमयी इतिहास और सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह और सौर ऊर्जा के महत्व पर भी चर्चा की।
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